दरभंगा, देशज टाइम्स। न्याय मंडल दरभंगा का अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय प्रिय की अदालत ने कमतौल थाना के बहपुरा निवासी मोहम्मद हारुन को अपने अबोध पुत्र पुत्री और पत्नी की निर्मम हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। लोक अभियोजक नसीरुद्दीन हैदर ने इस तिहरे हत्या कांड के एकल अभियुक्त को दफा 302 में अधिकतम सजा देने की मांग की थी। श्री हैदर ने कहा कि अभियुक्त ने अपनी पत्नी रुकसाना खातुन समेत दो मासूम अबोध चार साल का पुत्र मोहम्मद दिलशाद और डेढ साल की पुत्री हेना को तेजाब डालकर आग लगाकर किराया के घर गांव टेकटार में 19 अक्टूबर 2016 की रात्रि दो बजे में निर्मम हत्या कर दिया।
जिसकी प्राथमिकी मृतका की माता बरियौल निवासी रसुला खातुन के फर्दव्यान तिथि 19 अक्टूबर 2016 समय साढ़े आठ बजे सुबह के आधार पर कमतौल थाना में कांड संख्या 161 /2016 दर्ज हुई थी। सूचिका ने प्राथमिकी में गम्भीर आरोप लगाई है कि मेरी बेटी को भगा कर ले गया और उसके साथ शादी कर लिया।उसका दामाद चोरी और पॉकेटमारी करता था जिसका विरोध मेरी बेटी करती थी तो हमेशा मेरी बेटी के साथ मारपिट करता था। विरोध करने पर दो अबोध बच्चों के साथ मेरी बेटी को तेजाब डालकर रात्री में जला कर हत्या कर दिया। इतना ही नहीं रात में ही मेरा दामाद फोन करके बोला कि तिनों को तेजाब डालकर जलाकर हत्या कर दिये हैं।
इसी मामले का सत्र वाद संख्या 455/2017 में विचारण पश्चात कोर्ट ने तिहरे हत्याकांड में मोहम्मद हारुन को दफा 302 और दफा 436 भादवि में 18 मार्च को दोषी करार दिया। गुरुवार को अभियोजन पक्ष और वचाव पक्ष की ओर से सजा की बिन्दुएं पर बहस हुई। पी पी हैदर ने दोनों दफाओं में प्रावधानित अधिकतम सजा देने का आग्रह किया और वचाव पक्ष का वकील ने न्यूनत्तम सजा देने का आग्रह किया। इस मामले में आठ गवाहों की गवाही कराईं गई। कोर्ट ने दफा 302 में आजीवन सश्रम कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदण्ड एवं दफा 436 में दस साल का कारावास तथा पांच हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई। अर्थदण्ड नहीं देने पर छह छह माह की अतिरिक्त सजा भुगतने का न्याय निर्णय किया है।