जाले, देशज टाइम्स ब्यूरो। कोरोना त्रासदी के साथ लॉकडाउन से परेशान क्षेत्र के बीमार लोगों व उनके परिजनों के लिए आफत है। अब कौन बताए बीमार लोगों को लेकर परिजन आखिर जाए तो जाए कहां। प्रखंड क्षेत्र के सभी नर्सिंग होम व डॉक्टर के क्लिनिक बंद हैं। वहीं, प्रखंड के सभी सरकारी अस्पतालो में ओपीडी सेवा बंद रहने से लोग परेशान हैं।
प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र व रेफरल अस्पताल एक परिसर में है,लेकिन ओपीडी सेवा कार्य लगातार बंद है। देशज टाइम्स की पड़ताल में देखा गया कि सभी अतिरिक्त प्राथमिक स्वाथ्य केंद्र में ताला लटक रहा है। यहां के सभी चिकित्सक व मेडिकल स्टाफ,प्रखंड मुख्यालय स्थित रेफरल अस्पताल बुला लिए गए है। सभी मेडिकल स्टाफ व डॉक्टर को प्रखंड क्षेत्र के दस क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए प्रवासियों को चिकित्सीय जांच कार्य में लगाया गया है।
कोरोना नियंत्रण में क्वारंटाइन किए गए प्रवासियों के जांच कार्य को लेकर सभी के सभी एपीएचसी व स्वाथ्य उप केंद्र को बंद कर दिया गया है। पड़ताल में पाया गया कि दिन के 11 बजे तक रेफरल अस्पताल के इमरजेंसी में कुल 29 मरीज रेफरल अस्पताल में चिकित्सा को पहुंचे थे। रेफरल अस्पताल के ओपीडी में तीन चिकित्सक ड्यूटी पर मौजूद थे, जिनका कहना था कि यहां ओपीडी में मरीज नहीं देखा जाएगा, यहां वरीय डॉ. विवेकानंद झा, डॉ. डीसी.सरकार, व डॉङ फैयाज आजम मौजूद थे।
वहीं, अस्पताल के नशे घेराचिह् के अंदर फिजिकल डिस्टेंश बनाकर रीढ़ दर्द से पीड़ित जोगियारा के तपेश्वर मंडल, टूटे हाथ का चिकित्सा कराने आई अस्पताल से छह किमी दूरी तय कर नागरडीह गांव से पहुंची माधुरी राय की पत्नी सुमित देवी, वही सर्पदंश से पीड़ित सीमावर्ती सीतामढ़ी जिला के बोखरा प्रखंड के खरका गांव से पहुंचे संजय मिश्रा के पुत्र कुंदन मिश्रा अपनी बारी के इंतजार में खड़े थे।
देशज टाइम्स को मिली जानकारी के अनुसार, इस अस्पताल में सामान्य दिन 400 से 500 तक मरीज ओपीडी में चिकित्सा को लेकर बीमार लोग पहुंचते रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन में लोग बिना साधन सवारी के आखिर बीमारो को लेकर पहुंचे तो कैसे।
इस बारे में रेफरल अस्पताल के एमओआईसी डॉ. गंगेश झा व अस्पताल प्रबंधक जमसैद आलम ने देशज टाइम्स को बताया कि प्रखंड क्षेत्र के सभी एपीएचसी पीएचसी व रेफरल अस्पताल में कुल 14 डॉक्टर पदस्थापित है, जिसमें पीएचसी ,रेफरल अस्पताल में व एपीएचसी, कमतौल व अहल्यास्थान को मिलाकर 14 डॉक्टर व 32 एएनएम व 2 एग्रेड नर्स स्टाफ को जाले मुख्यालय में रखा गया है।
इसमें एमबीबीएस व आयुष व डेंटिस्ट चिकित्सक भी शामिल हैं। सभी चिकित्सकों की अलग-अलग टीम को,प्रखंड क्षेत्र के दस क्वारंटाइन सेंटर में चिकित्सीय जांच के लिए इन्हें अस्पताल से भेजा जाता है। वही रेफरल अस्पताल के एक चिकित्सक डॉ. नवीन कुमार समेत रेफरल अस्पताल व पीएचसी के सभी टेक्नीशियन व पारा मेडिकल स्टाफ को डीएमसीएच में कोरोना फाइटर्स के रूप में प्रतिनियुक्ति पर
भेजा गया है।
वहीं, जाले रेफरल अस्पताल में ओपीडी सेवा बंद रहने से प्रखंड क्षेत्र के नागरिक चिकित्सीय लाभ से वंचित हैं। आपातकालिक सेवा छोड़कर किसी भी तरह की चिकित्सा कार्य नही किए जाने से खासकर मौसम परिवर्तन के कारण मामूली खांसी-सर्दी के रोगियों की भी चिकित्सा नही किए जाने से यहां के नागरिक परेशान हैं।