दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। कामेश्वर सिंह दरभङ्गा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर वेद विभाग में Google Meet से वेदानां सार्वभौमिकत्त्वम् विषयाश्रित एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया।
वेबिनार की अध्यक्षता कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने की। विशिष्ट अतिथि के रूप में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो.उपेन्द्र झा,मुख्य अतिथि लनामिवि के संस्कृत विभागाध्यक्ष डॉ. जीवानन्द झा, सारस्वता अतिथि संस्कृत विश्वविद्यालय दरभङ्गा के अध्यक्ष छात्रकल्याण प्रो. शिवाकान्त झा, मुख्यवक्ता लालबहादुर शास्त्री केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के प्राचार्य प्रो.रामानुज उपाध्याय व उपाचार्य डॉ.सुंदर नारायण झा उपस्थित हुए।
मौके पर, विशिष्ट अतिथि कासिंदसंवि के पूर्व कुलपति प्रो. उपेंद्र झा ने श्रौत-सूत्र व गृह्यसूत्र में प्रतिपादित याज्ञिक विधियों में वेदों की सार्वभौमिकता को व्याख्यायित करते हुए उसकी उपादेयता को सिद्ध किया। मुख्य अतिथि डॉ.जीवानन्द झा ने आधुनिक विज्ञान में वेदों की सार्वभौमिकता को प्रमाणित किया। साथ ही उन्होंने वैदिक-विज्ञान का आधुनिक-विज्ञान पर हुए प्रभावों को सिद्ध किया।
प्रमुख वक्ता प्रो.रामानुज उपाध्याय ने संस्कृतवाङ्मय के सभी ग्रन्थों को वेदानुमोदित बतलाया। वैदुष्यपूर्ण रीति से वेदों की सार्वभौमिकता को सिद्ध करने का सफलतम प्रयास किया।
प्रमुख वक्ता के रूप में ही डॉ. सुन्दर नारायण झा ने वैदिक संहिताओं व श्रौतसूत्रों में प्रतिपादिक यज्ञों में वैदिकवाङ्मय की सर्वव्यापकता को प्रमाणित किया तथा वैदिक वाङ्मय के अनुशीलन से ही सम्पूर्ण विश्व में कल्याण सम्भव है के औचित्य को प्रदर्शित किया।
प्रो.शिवाकान्त झा, डॉ. झा ने ज्योतिष शास्त्रों पर वैदिकवाङ्मय की सार्वभौमिकता व उसकी उपादेयता पर दृष्टिपात किया तथा वेदों के उपकारक के रूप में ज्यौतिष शास्त्र को रेखाङ्कित किया।
कार्यक्रम के संयोजक स्नातकोत्तर वेद विभाग के सहायक प्राचार्य डॉ.अखिलेश कुमार मिश्र थे। मङ्गलाचरण विभागीय सहप्राचार्य डॉ.सत्यवान कुमार ने किया जवकि स्वागत भाषण व विषय प्रवर्तन की जिम्मेवारी वेद विभागाध्यक्ष प्रो.विद्येश्वर झा ने निभाई। अंत में वेद विभागीय सहप्राचार्य डॉ.विनय कुमार मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन किया। वेबिनार में कुल 155 प्रतिभागियों ने पञ्जीकरण करवाया। उपस्थित होने वाले प्रतिभागियों की संख्या 90 के लगभग रही।
वेबिनार में टेक्निकल सहायता के लिए स्नातकोत्तर ज्यौतिष विभागीय सहायक प्राचार्य डॉ. वरुण कुमार झा व विभागीय छात्र राज कुमार तिवारी का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।