दरभंगा देशज टाइम्स न्यूज। डीएमसीएच की व्यवस्था बेपटरी है। पूरी व्यवस्था भगवान भरोसे है। कहने के लिए यहां एम्स का निर्माण व स्पेशलिस्ट हॉस्पिल बन रहे हैं। मगर जब डीएमसीएच की हालत में कुव्यवस्था है तो आगे क्या होगा। फिलहाल हम बात कर रहे हैं आईसीयू वार्ड ए की। यहां की एसी खराब है।
खराब है तो इसे ठीक करने की जिम्मेदारी किसी के ऊपर नहीं है। वार्ड में दो तार के सहारे लटकता खराब सिलिंग पंखा भी है जो मरीजों को गर्मी में हाथ पंखों से काम चलाने के लिए आत्मनिर्भर बना रहा है। ऐसे में सवाल है, डीएमसीएच का सिस्टम कहां है।जानकारी के अनुसार, डीएमसीएच के आईसीयू वार्ड में पिछले दो दिनों से एसी में खराबी रहने से यहां भर्ती मरीजों व चिकित्सकों को गर्मी का सामना करना पड़ रहा है। आईसीयू ए वार्ड में दस बेड की सुविधा उपलब्ध है।
इसमें पांच सिलिंग पंखा के कमरे को ठंडा रखने के लिए तीन की संख्या में एसी लगी हुई है जो वर्तमान समय में पूर्ण रूप से फंग्शन में नहीं है। इतना ही नहीं, यहां की एसी तो क्या दो तार की बदौलत खराब पंखा लटक रहा है,जो कभी भी किसी मरीज अथवा उसके एटेंडेंट का अपना कोपभाजन बना सकता है। जब इन सभी को देखने व समुचित व्यवस्था के लिए सरकार की ओर से स्वास्थ्य प्रबंधक की नियुक्ति की गई है।
लेकिन डीएमसीएच के आईसीयू वार्ड ए के अंदर की वर्तमान व्यवस्था को देखने से स्पष्ट हो जाता है, संबंधित पदाधिकारी अपने कार्य के प्रति कितने लापरवाह हैं। मरीजों के एटेंडेंट का कहना है, कहने के लिए आईसीयू है लेकिन यहां की अंदरूनी व्यवस्था भगवान भरोसे चल रहा है।
यहां की समस्या से यहां के स्वास्थ्य प्रबंधक को जब सूचित करते हैं तो स्वास्थ्य प्रबंधक रजनीश रंजन का जबाब मिलता है मैं तुरंत ठीक करवा देता हूं। देखते-देखते शाम हो गई फिर सुबह से शाम हो गया लेकिन मरीजों को गर्मी का सामना अपने हाथ पंखों के सहारे करना पड़ रहा है।
फोटो।आईसीयू वार्ड ए। फोटो। वार्ड में दो तारों के सहारे लटकता खराब सिलिंग पंखा।