अप्रैल,25,2024
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दरभंगा के अतीत, वर्तमान और भविष्य का सतरंगी-सांस्कृतिक पांच दिवसीय दरभंगा महोत्सव 12 से

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दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। दरभंगा महोत्सव का इस साल भी सफल आयोजन होने जा रहा है। इसकी तैयारी व रूपरेखा की विस्तृत जानकारी देने के लिए रविवार को विवि प्रांगण में महोत्सव के अध्यक्ष अभिषेक कुमार झा, संयोजक विद्या भूषण राय , कोषाध्यक्ष अमित मिश्रा , विक्रम कुमार, आयशा खान ने महोत्सव को भव्यता व सांस्कृतिक विरासत से जोड़ने का एलान किया।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते अध्यक्ष अभिषेक कुमार झा ने कहा, दरभंगा (Darbhanga’s past, present and future colorful five-day Darbhanga festival from 12) महोत्सव दरभंगा के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर एक परि²श्य है।  दरभंगा का अपना एक अतीत था, जो बहुत ही सुनहरा था, जो धीरे-धीरे अब खत्म होने के कगार पे है। जहां इसकी एक अपनी सांस्कृतिक, धरोहरिक पहचान थी आजादी से पूर्व आजादी के बाद की तस्वीर की बात करें, तो जहां एक ओर देश के कई पिछड़े इलाके जो पूर्णत: आज संपन्न है। लेकिन, हमारा इलाका जो संपन्न होते हुए भी आज इतना पिछड़ गया है।

कार्यक्रम का शुभारंभ दरभंगा के कामेश्वरनगर अवस्थित चौरंगी पर 12 जनवरी को होगा। दरभंगा के आम जनमानस की ओर से दरभंगा महोत्सव का आयोजन 12 जनवरी से किया जाएगा। पांच दिवसीय महोत्सव (Darbhanga’s past, present and future colorful five-day Darbhanga festival from 12) का उद्घाटन पाग शोभा यात्रा से की जाएगी, जो 12 जनवरी को 3 बजे MLSM कॉलेज से आरम्भ होकर आयकर चौराहा होते हुए विश्वविद्यालय चौरंगी तक जाएगी।

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दरभंगा महोत्सव के अगले पड़ाव की जानकारी देते हुए विद्या भूषण राय ने कहा 21 जनवरी को विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। अब तक का सबसे बड़ा रक्तदान शिविर होगा उसके बाद (Darbhanga’s past, present and future colorful five-day Darbhanga festival from 12) हजारों छात्रों के बीच 17 जनवरी को कर्पूरी प्रतिभा खोज प्रतियोगिता आयोजित किया जाएगा । इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगो को अपने संस्कृति, धरोहर और अपनी विरासत की रक्षा करने का हैं।

दरभंगा के पास कई ऐसे धरोहर है जो संरक्षण के अभाव में खत्म होता जा रहा है। बात दरभंगा लाल किला की जाए या चाहदीवार की बात की जाए, आज सब नष्ट होने के कगार पर आ गया है। जिसकी चिंता ना तो किसी राजनीतिक दल स्थानीय प्रशासन और ना ही यहां की लोगों की है यहां की धरोहर को खत्म किया जा रहा है। अगर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाया जाता है तो बहुत जल्द कई ऐसे धरोहर है जो पूर्णता खत्म हो जाएंगे।

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हर साल मिथिला महोत्सव के नाम पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं। लेकिन दरभंगा महोत्सव के कार्यक्रम को आयोजित करवाने का एक विशेष उद्देश्य है कि दरभंगा की विरासत सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा है। साथ ही हमारी संस्कृति का भी अलग महत्व हैं । जिसे संरक्षित करने की जरूरत है। लेकिन हम सभी दरभंगा वासियों की ओर से इस विरासत धरोहर को उपेक्षित रखा जाता है। इसलिए अपने(Darbhanga’s past, present and future colorful five-day Darbhanga festival from 12) तस्वीरों को चौरंगी पर प्रदर्शित की जाएगी, जिससे दरभंगा के आमजनमानस 200 वर्षों पहले खूबसूरत दरभंगा का दीदार कर सकेगी।

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दरभंगा के बुद्धजीवी वर्गों के द्वारा धरोहरों के संरक्षण हेतु संगोष्ठी (Darbhanga’s past, present and future colorful five-day Darbhanga festival from 12) आयोजित की जाएगी। और इस महोत्सव के माध्यम से धरोहरों को सहेजने की नव चेतना को एक नई दिशा दी जाएगी।

आयशा खान ने कहा कि कार्यक्रम का अगला पड़ाव 24 जनवरी को छात्रों के बीच कैरियर कॉउंसलिंग से की जाएगी जिसमे शिक्षा छेत्र से लेकर स्वास्थ्य तथा प्रशासनिक छेत्र के नामी गिरामी लोग अपनी बात छात्रों के बिच रखेंगे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे । महोत्सव का समापन 30 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रमों से (Darbhanga’s past, present and future colorful five-day Darbhanga festival from 12) किया जाएगा ।

इस प्रेस वार्ता में पुरुषोत्तम वत्स , अनीश चौधरी , वेदांत वत्स , गौतम चौधरी , ऋतुराज , प्रवीण झा , शैलेश चौधरी , सहगुफ्ता प्रवीण एवं दर्जनों साथी उपस्थित थे।दरभंगा के अतीत, वर्तमान और भविष्य का सतरंगी-सांस्कृतिक पांच दिवसीय दरभंगा महोत्सव 12 से

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