दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो।दरभंगा व मधुबनी जिले में बड़े पैमाने जिला शिक्षा पदाधिकारी की मिलीभगत से मदरसों की फर्जी तरीके से जांच रिपोर्ट बनाए जाने, एक ही व्यक्ति के सैंकड़ों (Darbhanga-Madhubani mass fraud in Madrasas, illegal report-trusty – land busted) मदरसों में ट्रस्टी होने व बिना जमीन पर चल रहे मदरसा की फाइल सचिवालय और मदरसा बोर्ड को भेजी गई है। इसका खुलासा ऑल इंडिया मुस्लिम बेदारी कारवां के अध्यक्ष नजरे आलम ने की है। उन्होंने मंगलवार को क्षेत्रिय कार्यालय लालबाग में एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में इसकी जानकारी देकर भूचाल ला दिया है।
श्री आलम ने बताया कि नीतीश सरकार व बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड के वत्र्तमान अध्यक्ष अब्दुल कयुम ने भ्रष्टाचार को समाप्त करने की जगह भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देकर और भी (Darbhanga-Madhubani mass fraud in Madrasas, illegal report-trusty – land busted) भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है जिसका प्रमाण है कि एक ही व्यक्ति सैंकड़ों मदरसा में ट्रस्टी बनकर करोड़ों रूपया नौकरी के नाम पर ठगी कर चुका है।
इतना ही नहीं जो व्यक्ति ठगी का मामला किया है वह खुद भी मदरसा में शिक्षक है। श्री नजरे आलम ने यह भी बताया कि दरभंगा एवं मधुबनी जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सैंकड़ों ऐसे मदरसों की जांच कागज पर कर दी है जो मदरसा जमीन पर है ही नहीं। उन्होंने मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष पर आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यक्ष बोर्ड से भ्रष्टाचार (Darbhanga-Madhubani mass fraud in Madrasas, illegal report-trusty – land busted) खत्म करने की बात करते हैं तो फिर ये सैंकड़ों मदरसा जो जमीन पर है ही नहीं उसकी फाइल फर्जी तरीके से बोर्ड और सचिवालय कैसे पहुंची।
उन्होंने बताया, अगर अध्यक्ष वाकई भ्रष्टाचार खत्म करना चाहते हैं तो फर्जी तरीके से जमीन का पेपर लगाकर जिला शिक्षा पदाधिकारी से फर्जी जांच रिपोर्ट बनवाने वाले व्यक्ति पर कार्रवाई क्यों नहीं करते, जो लड़का ये फर्जीवाड़े का सरदार है वह खुद मदरसा सादिकुल ओलूम, ग्राम$पो.- सादिकपुर, भाया-रैयाम फैक्ट्री, जिला-दरभंगा (मदरसा नं-896) में शिक्षक है उसको निलंबित कर जेल क्यों नहीं भेजते।
श्री आलम ने यह भी कहा कि जो लड़का ये सारे फर्जीवाड़े का सरदार है उसके पिता स्व0 एजाज ए सादिक की मृत्यू 2001 में हुई और वह व्यक्ति अपने पिता का 2011 में फर्जी हस्ताक्षर कर Affidavit बनाकर केवटी प्रखंड से अपने नाम रेयाज ए सादिक एवं भाई नेयाज सादिक के नाम से आवासीय प्रमाण पत्र बनवाया जिसके बाद से लगातार फर्जी कारनामों को अंजाम दे रहा है, जो जांच का विषय है। रेयाज ए सादिक जिस मदरसे में शिक्षक है वह भी जमीन पर नहीं है, हैरत की (Darbhanga-Madhubani mass fraud in Madrasas, illegal report-trusty – land busted) बीत तो यह है कि मदसा शिक्षा बोर्ड में मदरसा सादिुकल ओलूम, सादिकपुर के नाम से मान्य है जब्कि मदरसा की ऑरिजनल जमीन बाबू सलीमपुर में मौजूद है।
श्री आलम ने आगे कहा कि ऐसे दलालों के साथ बहुत सारे जदयू के मुस्लिम नेता भी जुड़े हैं जल्द ही उनका भी भंडाफोड़ किया जाएगा। श्री आलम ने कहा कि जदयू से जितने भी मुस्लिम नेता जुड़े हैं उनका मात्र एक ही काम है वह है मदरसा बोर्ड एवं वक्फ बोर्ड की दलाली करना साथ ही नोकरी के नाम पर गरीब लोगों से 3-4 लाख रूपया (Darbhanga-Madhubani mass fraud in Madrasas, illegal report-trusty – land busted) ठगी करना। रेयाज ए सादिक, सैकड़ों मौलवी के साथ साथ ऐसे दर्जनों नेता मिलेंगे जो आय से अधिक सम्पती के मालिक बन गए हैं। सरकार को ऐसे सभी लोगों पर जांच बिठाकर सभों की सम्पती जब्त करनी चाहिए।
श्री आलम ने आगे कहा कि इन सारे मामले को हम न्यायालय तक भी ले जायेंगे। श्री आलम ने आखिर में कहा कि नीतीश को बर्बाद करने और मुसलमानों से दूर करने में मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष और उनकी ही पार्टी से जुड़े मुस्लिम नेता जिम्मेदार हैं। अगर नीतीश कुमार ने समय रहते मामले की गंभीरता को नहीं समझा तो आगे और भी सरकार और विशेषरूप से जदयू से मुस्लिम समुदाय दूर होंगे। सरकार को चाहिए के अविलंब मदरसा शिक्षा बोर्ड के वर्तमान अध्यक्ष अब्दुल कयूम को (Darbhanga-Madhubani mass fraud in Madrasas, illegal report-trusty – land busted) हटाए और कानूनी कार्रवाई करे। साथ ही सभी फर्जी तरीके से जांच रिपोर्ट बनाकर मदरसा की जमा फाईल को रिजेक्ट कर नए सिरे से जांच करवाकर सभी मदरसा को मंजूरी दी जाए। नजरे आलम ने यह भी कहा कि साईसं शिक्षकों को 2015 से अबतक तंखाह नहीं दी गई है सरकार इस पर भी अविलंब गौर करे।