अप्रैल,26,2024
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बाढ़-राहत-बचाव-क्षति-लोगों से फीडबैक-दरभंगा की जरूरत जानकर लौटी केंद्रीय टीम

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बाढ़-राहत-बचाव-क्षति-लोगों से फीडबैक-दरभंगा की जरूरत जानकर लौटी केंद्रीय टीम
बाढ़-राहत-बचाव-क्षति-लोगों से फीडबैक-दरभंगा की जरूरत जानकर लौटी केंद्रीय टीम

दरभंगा, देशज न्यूज।दरभंगा जिले में आई बाढ़ के दौरान किए गए बाढ़ निरोधक व बाढ़ राहत कार्यों का जायजा लेने केंद्र सरकार के संयुक्त सचिव, गृह विभाग पीयूष गोयल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय केंद्रीय टीम, जिसमें आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार सरकार के अपर सचिव एम. रामचन्द्रुडू भी शामिल थे, दरभंगा हवाई अड्डा पहुंची।

 

डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने हार्दिक अभिनंदन किया। हवाई अड्डा के सभागार में पीपीटी के माध्यम से केन्द्रीय टीम को दरभंगा जिले में आई बाढ़ के दौरान किए गए बाढ़ निरोधक कार्यों व बाढ़ राहत कार्यों से अवगत कराते हुए डीएम डॉ. एसएम ने कहा,22 जुलाई से जिले में बाढ़ आई।कुल 18 में से 15 प्रखंड के 231 पंचायत बाढ़ प्रभावित हुए। इनमें 181 पंचायत पूर्णतः व 50 पंचायत अंशतः प्रभावित रहें।

 

बाढ़ से कुल 20.82 लाख जनसंख्या प्रभावित रहा। बाढ़ के दौरान 634 सामुदायिक किचन चलाए गए। इनमें 56 लाख 79 हजार 520 लोगों को सुबह-शाम भोजन कराया गया। अभी भी 06 सामुदायिक किचन चलाए जा रहें हैं, जिनमें 3982 लोगों को सुबह-शाम भोजन कराया जा रहा है।

बाढ़ प्रभावित 61068 परिवारों को पॉलिथिन शीट्स उपलब्ध कराया गया। 23 हजार लोगों को ड्राई फूड पैकेट्स उपलब्ध कराया गया। एनडीआरएफ की एक टीम को दरभंगा पश्चिमी क्षेत्र में तथा दूसरी टीम को हनुमाननगर एवं एस.डी.आर.एफ. की एक टीम को दरभंगा मुख्यालय में बचाव कार्य के लिए लगाया गया।darbhanga ki jaroorathबाढ़-राहत-बचाव-क्षति-लोगों से फीडबैक-दरभंगा की जरूरत जानकर लौटी केंद्रीय टीम

लोगों की आवागमन की सुविधा के लिए निःशुल्क 105 सरकारी व 485 निजी नाव चलवाए गए। आज की तिथि में भी 78 सरकारी एवं 186 निजी नाव चलवाए जा रहे हैं। बाढ़ के कारण 12 लोगों की मृत्यु हुई। इनके आश्रितों को 04-04 लाख रूपाए अनुग्रह अनुदान राशि प्रदान किये गए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में 28 मेडिकल टीम द्वारा 880 कैंप चलाये गए, जिनमें 43416 मरीजों का इलाज किया गया।

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बाढ़ प्रभावित गांवों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए 805 बैग ब्लीचिंग पाउडर व 1207 बैग चुना का छिड़काव कराया गया तथा 03 लाख 12 हजार 216 हैलोजन टेबलेट का वितरण कराया गया, ताकि उन्हें शुद्ध पेयजल मिल सके।darbhanga ki jaroorath

बाढ़ से 01 लाख 38 हजार 600 पशु प्रभावित हुए तथा 29 पशुओं की मृत्यु हुई, 82 पशु शिविर चलाए गए तथा 523 क्विंटल पशुचारा का वितरण किया गया, 7005 पशुओं को कृमिनाशक दवा दिए गए।darbhanga ki jaroorath

पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पी.एच.ई.डी. द्वारा 99 स्थलों पर अस्थायी चापाकल का संस्थापन कराया गया। 38 जगहों पर टैंकर से जलापूर्त्ति की गई तथा 73 स्थलों पर जेरिकैन से जलापूर्त्ति की गई, 498 चापाकलों का विशुद्धिकरण किया गया। 54 स्थलों पर अस्थायी शौचालय का निर्माण कराया गया। पीएचईडी की ओर से भी 375 किलोग्राम ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कराया गया। पी.एच.ई.डी. की 525 चापाकलों व पाइप जलापूर्त्ति योजना की क्षति 01 करोड़ 47 लाख रूपए की हुई है।

 

पथ निर्माण विभाग दरभंगा डिवीजन के 77.90 किलोमीटर की सड़क क्षतिग्रस्त हुई है, जिसके पुर्नस्थापन में 40 करोड़ 58 लाख रूपए की आवश्यकता हैं। वहीं पथ निर्माण विभाग, बेनीपुर डिवीजन के 63.25 किलोमीटर सड़क क्षतिग्रस्त हुए है, जिनकी पुर्नस्थापन में 75 करोड़ 83 लाख रूपए की आवश्यकता है।darbhanga ki jaroorath बाढ़-राहत-बचाव-क्षति-लोगों से फीडबैक-दरभंगा की जरूरत जानकर लौटी केंद्रीय टीमग्रामीण कार्य विभाग, दरभंगा – 01 में 274 सड़क बाढ़ प्रभावित हुए, जिनमें से 76 में यातायात पुर्नस्थापित करने की आवश्यकता है। जिसपर 7 करोड़ 10 लाख रूपये का व्यय होगा। 57 सड़कों में यातायात बहाल किया जा चुका है, जबकि 13 में कार्य चल रहा है। ग्रामीण कार्य विभाग, दरभंगा डिवीजन – 2 के 130 सड़क बाढ़ से प्रभावित हुए, जिनमें 76 में मरम्मति की आवश्यकता है, 24 में कार्य पूरा किया जा चुका है, 02 में कार्य जारी है। इन क्षतिग्रस्त सड़कों को पुर्नस्थापित करने में 27 करोड़ 32 लाख रूपये व्यय होंगे।

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ग्रामीण कार्य विभाग, बेनीपुर के 83 सड़कें बाढ़ प्रभावित हुए, जिनमें से 26 में कार्य कराया जा चुका है, 57 में कार्य चल रहा है। इन सड़कों की मरम्मति पर 5 करोड़ 35.58 लाख रूपये व्यय होंगे। वहीं ग्रामीण कार्य विभाग, बिरौल के 135 सड़कें बाढ़ से प्रभावित हुए, जिनमें से 130 में मरम्मति की आवश्यकता है, 20 सड़कों में मरम्मति कराई जा चुकी है, 36 में कार्य जारी है। इन पर 20 करोड़ 08 लाख रूपये व्यय होंगे।darbhanga ki jaroorath

बाढ़ नियंत्रण हेतु दरभंगा डिवीजन के मब्बी से विशम्भरपुर के जमींदारी बाँध के 832 मीटर में बाँध क्षतिग्रस्त हुआ, जिसमें 555 लाख रूपये का नुकसान हुआ, इसके पुर्नस्थापन में 800 लाख रूपये की आवश्यकता होगी, क्योंकि 7.2 किलोमीटर तक मरम्मति करनी होगी।

बाढ़ नियंत्रण प्रमण्डल -2, झंझारपुर के 07 स्थलों पर 13.29 किलोमीटर में तटबंध क्षतिग्रस्त हुए, जिसके मरम्मति में 7 करोड़ 50 लाख रूपये की आवश्यकता होगी। उसी तरह से विद्युत में 01 करोड़ 39 लाख 87 हजार रूपए की क्षति हुई है।darbhanga ki jaroorath

फसल क्षति आकलन के अनुसार 67961 हेक्टेयर में धान, 304 हैक्टेयर में पक्का, 749 हैक्टेयर में अन्य फसल तथा 315 हेक्टेयर में मौसमी सब्जी की खेती क्षतिग्रस्त हुई है। जिसका अनुमानित लागत 414 करोड़ 42 लाख रूपए हुई है। मछली पालन के 193 तालाब क्षतिग्रस्त हुए हैं, 02 नाव व 02 जाल पूर्णतः तथा 07 नाव व 37 जाल अंशतः क्षतिग्रस्त हुए हैं।

बाढ़ से 347 विद्यालय क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनके निर्माण में 149133000 लाख रूपये की जरूरत पड़ेगी। बाढ़ से 67 आँगनवाड़ी केन्द्र क्षतिग्रस्त हुए हैं। बाढ़ से कुल 3144 झोपड़ी क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनपर 12890400 रूपये तथा 760 कच्चा मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनपर 24 लाख 32 हजार रूपए व्यय होंगे। वहीं 02 पक्के मकान अंशतः क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनपर 10400 तथा 80 पशु शेड क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनपर 168000 व्यय होंगे।

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बाढ़ प्रभावित 516046 परिवारों को 30962.76 लाख रूपये जी.आर. की राशि पी.एफ.एम.एस. के माध्यम से भेजी गई है। बचाव कार्य पर 141.5 लाख रूपये व्यय हुए। 639 सामुदायिक रसोई में 57 लाख 66 हजार 310 लोगों को खाना खिलाया गया है। जिसपर 29 करोड़ 13 लाख रूपए व्यय हुए हैं।

इसके उपरांत केन्द्रीय टीम की ओर से डीएम डॉ.एसएम के साथ केवटी अंचल के खिरमा पंचायत के पंचायत भवन, असराहा, पथरा व रानीपुर पंचायत के बुच्चामन के समीप किसानों व बाढ़ प्रभावित लोगों से बातचीत कर फीडबैक लिया।darbhanga ki jaroorath

असराहा में उन्होंने कई लोगों से फसल क्षति, गृह क्षति एवं जी.आर. की राशि मिलने तथा बाढ़ के संबंध में पुछताछ की। वहीं बुच्चामन में किसानों से फसल क्षति के संबंध में पुछताछ की। कई बटाईदार किसानों ने बताया कि फसल क्षति मुआवजा का लाभ जमीन मालिक को मिल जाता है, जबकि खेती बटाईदारी में हम करते हैं।darbhanga ki jaroorath

श्री गोयल ने जिला कृषि पदाधिकारी से इस संबंध में उपलब्ध प्रावधान के संबंध में जानकारी ली। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि संबंधित वार्ड सदस्य द्वारा सम्पूष्टि किये जाने पर की खेती बटाईदार के द्वारा की गई है, तो लाभ बटाईदार किसान को मिलता है। उन्होंने जिलाधिकारी से अनुरोध किया कि इस संबंध में अच्छी तरह से जांच कराकर फसल क्षति का मुआवजा दिया जाए, ताकि वास्तविक रूप से खेती करने वाले को मुआवजा मिल सके। darbhanga ki jaroorath

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त  तनिया सुल्तानिया, सहायक समाहर्त्ता प्रियंका रानी, अपर समाहर्त्ता विभूति रंजन चौधरी, उप निदेशक जन सम्पर्क नागेन्द्र कुमार गुप्ता, अनुमंडल पदाधिकारी राकेश कुमार गुप्ता सहित सभी संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।बाढ़-राहत-बचाव-क्षति-लोगों से फीडबैक-दरभंगा की जरूरत जानकर लौटी केंद्रीय टीम

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