- टिड्डियों का आतंक
मुख्य बातें
समस्तीपुर,मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी जिले के सीमा से लगने वाले प्रखंडों में टिड्डी के हमले की आशंका - टिड्डी को खत्म करने के लिए फायर ब्रिगेड टीम की तैनाती
- टिड्डियों को भगाने के लिए ज्यादा शोर मचाने की सलाह
- डीएम डॉ.त्यागराजन एसएम ने कहा,पश्चिमी चंपारण जिले के कुछ प्रखंडों से टिड्डी दलों के आने की सूचना
दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने टिड्डियों के संभावित हमले को देखते हुए इसको खत्म करने के लिए फायर व्रिगेड की टीम को तैनात रहने का निर्देश दिया है। कहा है, राज्य के पश्चिमी चंपारण जिले के कुछ प्रखंडों से टिड्डी दलों के आगमन की सूचना है। यह संभावना है, टिड्डीयो का यह दल समस्तीपुर /मुजफ्फरपुर/ सीतामढ़ी जिला के सीमा से सटे इस जिला के प्रखंडों में हमला कर सकता है।
इसमें दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा, बहेड़ी, हायाघाट, हनुमाननगर, बिरौल, कुशेश्वरस्थान, कुशेश्वरस्थान पुर्वी, प्रखंड विशेष रूप से संवदेनशील बताया गया है। उन्होंने कहा है, टिडि्डयों के हमले से फसलों को बचाने के लिए सभी लोगो को पूर्ण सतर्क व जागरूक रहनी होगी। कहा कि टिड्डियो को पहचानना सरल है।
उन्होंने कहा,टिड्डियों के आगमन हो जाने पर सभी को एक साथ शोर मचाना चाहिए. इसके लिए ड्रम, थाली , घंटी, ढोलक, टीना, आदि का इस्तेमाल उपयोगी ही सकता है। कहा, टिड्डियो का दल समूह में तेजी से उड़ता है। इसलिए टिड्डियो के आते ही सभी लोगो को जोर-जोर से शोर मचाना चाहिए। एक या दो लोगो के शोर मचाने से यह नहीं होगा. कहा कि ज्यादा संख्या में लोंगो के द्वारा शोर मचाने से टिड्डियो का दल हवा की दिशा में बाहर निकल जाएगा।
जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया, टिड्डियो के हमले से फसलो को बचाने हेतु कंटिंजेंट प्लान तैयार कर लिया गया है । कहा कि अगर टिड्डियो का झुंड कहीं बैठ जाता है तो कीटानुनाशक दवा का इसपर छिड़काव कर इसे खत्म कर दिया जाएगा। टिड्डियों को खत्म करने के लिए फायर विग्रेड की दस टीमों को तैयार किया गया है। जिला पदाधिकारी के निदेश पर फायर व्रिगेड की टीम को कीटनुनाशक दवा, पी.पी.ई. किट्स आदि उपलब्ध करा दिया गया है।
वहीं कृषि विज्ञान केन्द्र जाले के वैज्ञानिक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की ओर से टिड्डियो के पहचानने का तरीका बताया गया। कहा, मादा टिड्डी का आकार नर टिड्डी से बड़ा होता है। टिड्डियों का दल हमेशा ग्रुप/कलस्टर में उड़ता है। इनकी संख्या लाखों मे होती है। टिड्डी का अंडा चावल के दाने के आकार का होता है।अंडा से टिड्डी के निकलने में 35-40 दिन लगते हैं। कहा, टिड्डियो का रंग अलग अलग प्रकार का होता है।
टिड्डियो से बचने का सबसे कारगार तरीका यह है कि इसे कहीं बैठने न दें। एक साथ ज्यादा शोर होने पर ये उपर-उपर ही निकल जाते है।
जिलाधिकारी ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी/बीएओ को जनप्रतिनिधियो के साथ आज ही बैठक करके उन्हे टिड्डियो के हमले से सुरक्षा हेतु जानकारी प्रदान करने का निदेश दिया है। कहा कि सतर्क एवं सजग रहकर बड़ी से बड़ी घटना को भी टाला जा सकता है ।उन्हें कहा गया है, टिड्डियों के आने एवं कहीं बैठने की सूचना तुरंत दी जाए।
इस बैठक में डीएओ समीर कुमार, कृषि विज्ञानं केद्र जाले के डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, पीडी आत्मा शकील अख्तर अंसारी, फायर व्रिगेड के प्रभारी रमेश कुमार व अन्य अधिकारी/पुलिस अधिकारी शामिल थे।