दरभंगा,देशज टाइम्स ब्यूरो। जिला अतिथि गृह के सभागार में कृषि, पशुपालन मत्स्य संसाधन विभाग के मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने रविवार को विभागीय समीक्षा करते हुए जिले में 1,47,492 हेक्टेयर खेती योग्य भूमि के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इसमें 99,137 हेक्टर में धान की अच्छी फसल लगी थी, जिसमें 83, 564 हेक्टेयर भूमि बाढ़ या अतिवृष्टि के कारण जलप्लावित हो गई इसकी भी जानकारी ली।
मौके पर मंत्री प्रेम ने निर्देश दिया, बाढ़ का पानी हटने के बाद 01-01 प्लॉट का सर्वे कराएं। कोई भी प्रभावित किसान छूटे नहीं। किसान अभी कोरोना व बाढ़ दोनों का सामना कर रहे हैं। संयुक्त निदेशक इसका प्रभावी रूप से मूल्यांकन करते रहेंगे।
सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण को निर्देश दिया गया, अभी आम के पेड़ में जाली लगने की शिकायत मिल रही है, इसलिए ग्रुप बनाकर इसका सर्वेक्षण करें तथा किसानों को भरपूर सहायता दें।
जिला पशुपालन पदाधिकारी,दरभंगा ने बताया,अभी 08 जगहों पर पशु आश्रय स्थल चल रहा है। इनमें केवटी, हनुमाननगर, हायाघाट, दरभंगा सदर, किरतपुर, सिंहवाड़ा, कुशेश्वरस्थान व बहादुरपुर अंचल शामिल हैं। इन आश्रय स्थलों पर 400 क्विंटल से अधिक पशुचारा का वितरण करवाया जा चुका है। अभी तक 8 पशुओं के मरने की सूचना है, जिनमें से चार के लिए भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि जिले में पर्याप्त मात्रा में पशु-दवा उपलब्ध है।
मंत्री ने निर्देश दिया,अभी सभी कर्मी को पशु आश्रय स्थल व प्रखंड में सतत भ्रमणशील रखें, जिससे किसानों को कोई परेशानी न हो।
जिला मत्स्य पदाधिकारी ने बताया, 76 हेक्टेयर में 178 तालाब की मछली बाढ़ के पानी से प्रभावित हुई है। मंत्री ने उन्हें निर्देश दिया, विभागीय एस.ओ.पी के तहत आकलन सुनिश्चित करें। विभाग को भेजें, ताकि मछुआरा भाई को इस त्रासदी में लाभ मिल सके।
मंत्री श्री कुमार ने जिला उद्यान पदाधिकारी को निर्देश दिए, दरभंगा जिला माछ, मखान, पान के लिए प्रसिद्ध है,यहां के आम की मांग पूरे बिहार व राज्य के बाहर भी है। आप इससे संबंधित एफपीओ बनाएं जिससे किसान अपने उत्पादन को बेच सके। उन्हें प्रेरित करें, ताकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसका विपणन हो सके।
मंत्री केवटी में पशुपालन आश्रय स्थलों का निरीक्षण किए। राहत सामग्री की समीक्षा किए।आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में विधायक जाले जीवेश कुमार मिश्रा, विधान पार्षद अर्जुन सहनी, भाजपा नेता महिला मोर्चा अध्यक्ष मुजफ्फरपुर सुनीग सहनी, जिला कृषि पदाधिकारी राधा रमन, संयुक्त निदेशक (शष्य), संयुक्त निदेशक (पशुपालन), परियोजना निदेशक (आत्मा), जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, सहायक निदेशक (पौधा संरक्षण), सहायक निदेशक (उद्यान), सहायक निदेशक (रसायन) उपस्थित थे।