दरभंगा, देशज न्यूज। स्वास्थ्य विभाग, बिहार सरकार के प्रधान सचिव श्री प्रत्यय अमृत के नेतृत्व में आज राज्य स्तरीय जाँच टीम द्वारा दरभंगा के विभिन्न प्रखंडों के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, हेल्थ वैलनेस सेंटर, उप स्वास्थ्य केंद्र की जांच कर फीडबैक लिया गया और तदोपरांत समाहरणालय अवस्थित अंबेडकर सभागार में प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग की अध्यक्षता में उसकी समीक्षा की गई। राज्य स्तर से स्वास्थ्य विभाग के सचिव लोकेश कुमार सिंह, अपर सचिव श्री कौशल किशोर, बी.एम.आई.एस.सी.एल के निदेशक सह निदेशक सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, बिहार सरकार श्री प्रदीप कुमार झा सहित कई उच्च अधिकारी एवं चिकित्सक शामिल थे। जिन्होंने क्रमशः हनुमाननगर, सिंहवाड़ा, कमतौल, जाले, बहेड़ी, देकुली, खाजासराय, अलीनगर अवस्थित पी.एच.सी, सी.एच.सी एवं स्वास्थ्य उप केंद्रों की जांच की। जांच के दौरान जो कमियाँ पाई गई, उसे 15 दिनों के अंदर दुरुस्त करने के लिए जिला प्रोग्राम प्रबंधक, जिला स्वास्थ्य समिति एवं सिविल सर्जन, दरभंगा को निर्देशित किया गया। बैठक में सर्वप्रथम जिलाधिकारी, दरभंगा डॉ. त्यागराजन एस.एम के प्रयास से गर्भवती महिलाओं को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने एवं मातृत्व मृत्यु दर कम करने के लिए चलाए जा रहे क्रांतिकारी वंडर ऐप का भी पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन से प्रस्तुतीकरण किया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि इस एप में इस प्रकार की व्यवस्था की गई है कि जिले की जितनी भी गर्भवती महिलाएं हैं, उनका निरीक्षण एएनएम/आशा के द्वारा किया जाता है तथा उनके संदर्भ में एक रिपोर्ट कार्ड बनाई जाती है। जिसमें कौन सी परेशानी उनके साथ है यह अंकित किया जाता है और जब भी उन्हें कुछ परेशानी होती है या प्रसव पीड़ा होती है तो तुरंत डी.एम.सी.एच में रेफर किया जाता है और उनका ससमय सही इलाज किया जाता है।
जिससे दरभंगा जिला में मातृत्व मृत्यु दर में अत्यधिक कमी आई है। प्रधान सचिव के साथ-साथ राज्य स्तरीय टीम इस एप से काफी प्रभावित रही और प्रधान सचिव ने इसे पूरे राज्य में लागू करने का निर्णय लिया। सर्वप्रथम इसे प्रमंडलीय मुख्यालय जिला में लागू किया जाएगा। बैठक में जिलाधिकारी, दरभंगा द्वारा एयरपोर्ट के लिए एडवांस लेवल एंबुलेंस की आवश्यकता जताई जिसे प्रधान सचिव द्वारा तुरंत उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया।
बैठक में सचिव, स्वास्थ्य विभाग श्री लोकेश सिंह ने सिविल सर्जन, दरभंगा को निर्देशित करते हुए कहा कि सभी जगह लैब टेक्नीशियन उपलब्ध हैं, उन्हें राज्य स्वास्थ्य समिति के द्वारा उपलब्ध कराया गया है यह सुनिश्चित किया जाए कि सी.एच.सी में कम से कम एक लैब टेक्नीशियन जरूर हो और अधिकतम 03 भी हो सकते हैं, इसके लिए चाहे नियमित लैब टेक्नीशियन हो चाहे संविदा पर बहाल हो,उन्हें प्रतिनियुक्त किया जाए और सभी लैब टेक्नीशियन के साथ बैठक कर उन्हें उनके दायित्वों से अवगत करा दें कि उन्हें ेमउप-ंनजव और सी.बी.सी भी करना है। एक्स-रे के संबंध में बताया गया कि राज्य स्वास्थ्य समिति से निविदा निकाली गई है, जिसके लिए एजेंसी बहाल की जा रही है। उन्होंने कहा कि हर जिले में चार -पांच एक्स-रे टेक्नीशियन पदस्थापित हैं, जहां एक्स-रे मशीन हैं, उन्हें उन स्थलों पर प्रतिनियुक्त किया जाए। सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में दंत चिकित्सक उपलब्ध हैं और उनके लिए डेंटल चेयर भी हाल ही में उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने सिविल सर्जन को सभी जगह डेंटल चेयर इंस्टॉल करवा लेने का निर्देश दिया।
दवा वितरण के लिए फार्मासिस्ट प्रतिनियुक्त करने, यदि फार्मासिस्ट ना हो तो, ए.एन.एम को प्रशिक्षण देकर प्रतिनियुक्त करने का निर्देश दिया गया। जहां साफ-सफाई की कमी पाई गई है वहां साफ सफाई की समीक्षा कर लेने तथा वहां इसकी मुकम्मल व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए। बेनीपुर रेफरल हॉस्पिटल में सिजेरियन ऑपरेशन शुरू करने, पेडेस्ट्रियन डॉक्टर की व्यवस्था करने के साथ-साथ इसे पूरी तरह से क्रियाशील करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि दरभंगा में वंडर ऐप बहुत ही बढ़िया काम किया है, इसलिए दरभंगा से स्वास्थ्य सुविधा का फीडबैक लेने का अभियान प्रारंभ किया गया है और यहां बहुत ही अच्छी संभावना है।
यहां के स्वास्थ्य सुविधा में बेहतर सुधार किया जा सकता है। बैठक के उपरांत संवाददाताओं को संबोधित करते हुए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के उद्देश्य से तथा जहां भी कुछ कमियां हैं उस कमी को दूर करने के उद्देश्य से आज वैशाली समस्तीपुर एवं दरभंगा जिला के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों का राज्य स्तरीय टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। इस निरीक्षण का उद्देश्य यह था कि स्वास्थ्य सेवा में कौन सी कमियां कहाँ कहाँ हैं और उनमें किस तरह से सुधार किया जा सकता है।
इसका फीडबैक आज लिया गया है। राज्य स्तर से भी कमियों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा तथा जिला स्तर से भी कमियों को पूरा करने के लिए सिविल सर्जन एवं डी.पी.एम को निर्देशित किया गया है। कहीं कहीं चिकित्सकों के रोस्टर की समस्या है, कई जगहों पर साफ-सफाई की समस्या पाई गई है, कई जगहों पर लैब टेक्नीशियन नहीं होने की जानकारी मिली है तथा उपलब्ध उपकरणों को चालू करने की आवश्यकता बताई गई है ,इन सभी पर अगले 15 दिनों में कार्रवाई की जाएगी। बैठक में राज्य स्तर से आए चिकित्सक तथा जिला स्तर के चिकित्सा पदाधिकारी उपस्थित थे।