दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। जाड़े की मौसम में दरभंगा व्यवहार न्यायालय कर्मियों में बढ़ते कोरोना संक्रमण से न्यायालय परिसर में लोगों के बीच बेचैनी बढ़ गई है।तथाकथित संभ्रांत लोगों का कहना है, बिहारी और गरीबों को कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ेगा को शुक्रवार को आने वाला संक्रमण रिपोर्ट ने असत्य साबित कर दिया है। दरभंगा में शुद्ध बिहारियों और गरीब पृष्ठभूमि के लोगों को भी कोरोना ने अपने चपेटे में ले लिया है।
व्यवहार न्यायालय दरभंगा में दो चपरासी और ग्यारह किरानी का कोरोना जांच रिपोर्ट पोजिटिव पाये जाने से कोरोना विस्फोट की चर्चा शनिवार को अदालत प्रांगण में छाई रही। बढंते कोरोना संक्रमण से चिन्तित बरीय अधिवक्ता जीतेन्द्र नारायण झा ने कहा कि गत दस माह से अदालतों में नाम मात्र को जमानत कार्य होने से अदालतों में न्यायिक कार्य ठप्प पड़ा है।आवश्यकता है कि न्यायिक पदाधिकारियों, वकीलों, न्यायालय कर्मचारियों, अधिवक्ता लिपिकों, कोर्ट प्रांगण में कार्यरत टंककों, मुद्रांक बिक्रेताओं को यथा शीध्र प्रथमिकता सूची में रखकर टीकाकरण लगाया जाए।
लोक अभियोजक नसीरुद्दीन हैदर ने कहा कि न्यायालय एक ऐसा स्तम्भ है ,जहां गरीब से अमीर तक के लोगों को न्याय पाने के लिए आना पड़ता है।ऐसे संवेदनशील स्थलों पर न्यायिक कार्य से जूड़े लोगों को यथाशीघ्र टीकाकरण करने की जरुरत है।