दरभंगा,देशज टाइम्स ब्यूरो। ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के नरगौना पैलेस स्थित कुलपति आवास पर बुधवार को दरभंगा प्रमंडल कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग सह दरभंगा जिला कांग्रेस सेवा दल के जिलाध्यक्ष डॉ. जमाल हसन के नेतृत्व में मिथिला आवामी फ्रंट, एनएसयूआई व छात्र जन अधिकार पार्टी के प्रतिनिधि कुलपति से मिले।
प्रतिनिधि मंडल वीसी राजेश सिंह के सामने सीएम विधि महाविद्यालय में उर्दू में लिखे नाम को हटाए जाने पर विरोध जताया। इस पर वीसी श्री सिंह ने कहा कि जब नाम वहां लिखा गया था, तो हटाने का औचित्य ही नहीं था। मैं बाहर था, इस वजह से यह जानकारी मुझे सही से प्राप्त नहीं हुई। इस मामले मेंं एक सोची-समझी रणनीति के तहत घटिया राजनीति करने का प्रयास किया जा रहा है। आप लोग निश्चिंत रहें, वहां फिर से उर्दू में नाम लिखा जाएगा।
मौके पर, कांग्रेस पार्टी के अब्दुल हादी सिद्दीकी, राजा सोनी, महफूज हम्मादी रेहानउद्दीन ,एहसान सिद्दीकी , ओजैर अनवर, मिथिला अवामी फ्रंट के इकबाल हसन, कुशोथर महतो ,सफदर इमाम, एनएसयूआई के प्रदेश सचिव शादाब अख्तर, अंजुम जसीम, छात्र जन अधिकार पार्टी से सोनू यादव ,मोहम्मद एहसान, सहित कई लोग मौजूद थे।
बाद में जिला कांग्रेस सेवा दल के जिलाध्यक्ष डॉ. जमाल हसन ने वीसी श्री सिंह को एक 4 सूत्री मांग पत्र सौंपा। इसमें उन्होंने कहा है कि बिहार राजभाषा (संशोधन) अधिनियम, 1980 के अंतर्गत उर्दू बिहार राज्य की दूसरी राजभाषा है। इसका इस्तेमाल सभी सरकारी कार्यालयों में ठीक वैसे ही होता है जैसे हिंदी का।
कहा कि लेकिन दुर्भाग्यवश ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय में इस दूसरी राजभाषा का अपमान किया जा रहा है। मामला है, दरभंगा शहर के बीचों बीच अवस्थित ललित नारायण मिथिला विश्विद्यालय की अंगीभूत इकाई सीएम विधि महाविद्यालय का, जहां वर्षों से कॉलेज के मुख्य द्वार पर हिंदी, उर्दू व अंग्रेजी में महाविद्यालय का नाम लिखा हुआ था।
उन्होंने इसके अलावे सभी महाविद्यालय के मुख्य द्वार पर हिंदी, उर्दू और मैथिली में महाविद्यालय का नाम लिखवाया जाना सुनिश्चित करवाने की भी मांग रखी। साथ ही इस कृत्य की उच्चस्तरीय जांच करवाते हुए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग रखी।