दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। पहले बीजेपी ने कहा, चुनाव की तैयारी शुरू कीजिए। जब चुनाव की तैयारी में जुटे, इधर पिता की मौत हो गई। गले में पिता के श्राद्धकर्म की जवाबदेही, उसी उतरी के बीच उन्हें बुलाया गया पहले पटना, फिर भेज दिया गया दिल्ली। कहा गया टिकट तो दिल्ली में कहा गया, आपको टिकट नहीं मिलेगी। किसी और के नाम टिकट सिंबल दी जा रही है। वह निराश होकर दिल्ली से लौटे। पिता के कर्म के बीच दिल्ली जाने व निराश होकर लौटने वाले और कोई नहीं बेनीपट्टी के घनश्याम ठाकुर हैं।
मधुबनी जिला के पूर्व जिला अध्यक्ष व वर्तमान में प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य घनश्याम ठाकुर को टिकट नहीं मिलना सुर्खी में है। पूरे बिहार में चर्चा हो रही है। इसको लेकर मधुबनी ही नहीं पूरे बिहार में चर्चा है। उतरी लेकर वह अपने घर से दिल्ली गए। पार्टी की ओर से बुलाया गया था।
देशज टाइम्स ने उनसे बातचीत की तो उनका गुस्सा प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल, जेपी नड्डा व भूपेंद्र यादव पर फूट पड़ा। कहा, मुझे दिल्ली आने को कहा गया। जब मैं दिल्ली पहुंचे, बीजेपी के पदाधिकारियों ने कहा, कुछ कारणवश आपको टिकट नहीं मिल पाया। घनश्याम ने आक्रोश वहीं उतारा कहा, हम पार्टी को नहीं कहे थे टिकट देने के लिए लेकिन हमारी मेहनत देखकर पार्टी हमको बुलाया। तब हम दिल्ली आए। मुझको पहले कह दिया गया होता तब हम दिल्ली नहीं आते। वह भी पिता की उतरी लेकर। कहा, मेरे साथ अन्याय हुआ। मेरे साथ पार्टी के बड़े-बड़े पदाधिकारियों ने अन्याय किया। किसी बड़े व्यक्ति की ओर से साजिश रची गई।
फिर अपने पिता के श्राद्धकर्म में जुटे घनश्याम ठाकुर ने देशज टाइम्स को बताया, बेनीपट्टी के मतदाता अब जो कहेंगे वही हम करेंगे लेकिन अगर बेनीपट्टी के मतदाता कहेंगे निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए तो हम अवश्य ही निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। जब देशज टाइम्स ने श्री ठाकुर से पूछा, क्या आप चुनाव लड़ेंगे तो उन्होंने कहा, यह फैसला हम 15 तारीख के बाद करेंगे लेकिन निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
जब देशज टाइम्स ने पूछा, क्या इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ओर से टिकट बेचा गया है तो उन्होंने कहा, बिना आग का धुआं नहीं होता है, उनके हिसाब से बिल्कुल ही टिकट बेची जाती है। उन्होंने कहा, अब बीजेपी को जनता सबक सिखाएगी। असली सबक बिहार विधानसभा चुनाव में और लोकसभा चुनाव में जनता सिखाएगी। मेरे साथ जो पार्टी ने किया, उसका हिसाब बेनीपट्टी की जनता लेगी।