दरभंगा। यूजीसी के ग्यारहवीं और बारहवीं पंचवर्षीय योजना से प्राप्त अनुदान के समायोजन के लिए बुधवार को अंतिम दिन विश्वविद्यालय परिसर स्थित जुबिली हाल में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के 59 महाविद्यालयों के प्रतिनिधि/प्रधानाचार्यों के साथ यूजीसी टीम के सदस्यों ने बैठक की। इसमें सभी 59 महाविद्यालयों के प्रतिनिधि / प्रधानाचार्यगण उपस्थित हुए। मिथिला विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस पी सिंह ने सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश देते हुए बताया कि बिहार के सभी महाविद्यालय यूजीसी के रडार पर है। अतः आपलोगो की जिम्मेदारी होती है कि आपके ऊपर यूजीसी की दोनों परियोजनाओं के अवशेष राशि को सूद के साथ वापस कर दे और उपयोग में लाये गए राशि को विहित प्रपत्र में उपयोगिता प्रमाण पत्र भरकर आज ही जमा कर दें । उन्होंने कहा कि छुटे हुये कागजातों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के प्रयोग से मंगवाकर विधिवत रूप से ससमय जमा कर दें।
यूजीसी टीम के चेयरमैन प्रोफेसर आर जे राव ने दिशा निर्देश देते हुये बताया कि हमारे पास आज की तिथि में बकायों का चेक लिस्ट महाविद्यालय वार है। जिसे महाविद्यालय लेकर उस अनुसार निर्धारित प्रपत्र में जमा कर दे। आज दिनभर के कार्यक्रम में सभी 59 महाविद्यालयों के द्वारा एक एक कर सभी कागजातों को टीम के समक्ष रखा गया। गहन अध्ययन के बाद प्राप्त खामियों को दूर करने का निर्देश दिया गया। लगभग सभी महाविद्यालयों के प्रतिनिधि निर्धारित प्रोफार्मा में सूचना उपलब्ध नही होने के कारण परेशान दिखाई पड़े।
महाविद्यालयों के द्वारा निर्धारित प्रोफार्मा में उपयोगिता प्रमाण पत्र नही होने के कारण टीम के सदस्य नाखुश दिखे। बिहार के कुछ महाविद्यालयों द्वारा राशि समायोजन की प्रक्रिया में असहयोग के कारण यूजीसी से 14 महाविद्यालयो की मान्यता रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। जिसमे एक महाविद्यालय ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय का भी है। आज के आमने सामने मीटिंग में सभी प्रधानाचार्यों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। सभी को निर्देशित किया गया है कि खर्च नही की गई राशि को एक सप्ताह के अंदर वापस कर देनी है। दिए गए प्रोफार्मा में उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा करना है।