दरभंगा, देशज टाइम्स ब्यूरो। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रधान कार्यालय में गुरुवार को वामदलों सीपीआई, सीपीएम, भाकपा माले, एसयूसीआई (सी) के साथ ही राजद, हम, रालोसपा की संयुक्त बैठक हुई।
इसमें डीएमसीएच में व्याप्त कुव्यवस्था, कोरोना महामारी में सरकार की लचर व्यवस्था, बाढ़ राहत बचाव और सरकार की भूमिका आदि पर विचार कर जिले में संघर्ष तेज करने की रणनीति बनाई गई।
बैठक में विपक्षी दलों के नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि कोरोना महामारी से आम-अवाम के जान-माल की सुरक्षा की गारंटी सरकार सुनिश्चित करें। कोरोना काल में सरकार की पूरी व्यवस्था चरमराई हुई है। सरकारी तंत्र पूरी तरह फेल हो गया है।
इस बीच में बाढ़ ने अपना कहर बरपा दिया। कहा गया कि इस महामारी और त्रासदी में दरभंगा के एकमात्र अस्पताल डीएमसीएच में आराजकता व्याप्त है। वहां की कुव्यवस्था के कारण कई लोगों की जान नाहक में चली गई। इसका जीता-जागता उदाहरण ज्योति कुमारी, गंगा देवी, उमेश चन्द्रा, जमाल अतहर रूमी, अवधेश कुमार की मौत है।
नेताओं ने कहा, बाढ़ राहत सरकारी स्तर पर व्यवस्थित तरीके से नहीं चलाई जा रही है। सरकार पूरे जिले को बाढ़ ग्रसित घोषित कर व्यापक राहत अभियान चलाए। बैठक में कहा गया कि जिलाधिकारी को अविलंब बाढ़ की त्रासदी को लेकर जिले में सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए।
बैठक की अध्यक्षता राजद जिलाध्यक्ष रामनरेश यादव ने की। बैठक में सीपीआई जिला सचिव नारायण जी झा, कार्यालय सचिव विश्वनाथ मिश्र, जिला कार्यकारिणी सदस्य शरद कुमार सिंह, भाकपा माले के जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, मुखिया नन्दलाल ठाकुर, सीपीएम के जिला सचिव अविनाश कुमार ठाकुर, सचिव मंडल सदस्य दिलीप भगत, हम के जिलाध्यक्ष आर के दत्ता, राजद के बदरे आलम बदर, गुलाम हुसैन चीना, आदर्श यादव, अमित सहनी, सुभाष चन्द्र राय, सपा के कुशेश्वर महतो, भाकपा माले के ललन पासवान, हरिकिशोर राम एसयुसीआईसी के सुरेन्द्र दयाल सुमन समेत अन्य उपस्थित थे।