उत्तम सेन गुप्ता, दरभंगा अनुमंडल समन्वयक, देशज टाइम्स। ऐसा लगता है, लोग उकता रहे हैं। इतने लंबे समय से बिरौल में लागू लॉक डाउन से यहां के लोग लगभग आजिज हो चुके हैं। जैसे, वर्षों से जेल में बंद कोई बाहर निकलने को छटपटाता दिखे।
यही हाल, यहां के लोगों का है। तभी, इस विपदा की घड़ी में जिन्हें घरों में खुद ही स्वेच्छा से रहना चाहिए या प्रशासन व सरकार के कहने पर रहना ही चाहिए वह सड़कों पर निकल पड़े हैं। वह भी बेवजह।
पहले जैसे घूमते, घूमने निकल जाया करते थे ठीक वैसे ही रोजमर्रा की खरीदारी करने के बहाने या फिर महीनों से जिनसे मुलाकात नहीं हो पाई थी उनसे मिलने,ऐसे लोग सड़कों पर निकल पड़े हैं। इन्हें कोरोना का भय नहीं है। भीड़ भार वाले क्षेत्र में घुमने व सड़क किनारे बनाए जा रहे नाश्ता खाने के शौकीनों का अब घर में मन नहीं लगता। इन्हें बाहरी हवा चाहिए। सो, इन दिनों बिरौल की सड़कों पर आम लोगों की धमक से साफ है यहां लॉकडाउन का कोई मतलब रहा नहीं।
जिला से लेकर अनुमंडल स्तर तक के प्रशासन के अधिकारी लॉकडाउन व सोशल डिस्टेंसिंग बना कर रखने के अलावे मास्क का उपयोग करने के लिए भले ही लगातार फरमान जारी करते हों लेकिन दरभंगा जिला के बिरौल प्रखंड का सुपौल बाजार एक ऐसा जगह है, जहां लॉक डाउन 03 से ही इस क्षेत्र के लोगों पर इसका कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है। चूंकि, कोरोना जैसे महामारी से उत्पन्न होने वाली समस्या से अभी इस क्षेत्र के लोग सही तरीके से रु-ब-रु नहीं हो पाए हैं।
प्रशासन के काफी प्रयास के बाद भी कोई भी व्यक्ति अपने व अपने परिवार को सुरक्षित रखने के प्रति संवेदनशील नहीं दिख रहा है। इसका गवाह सुपौल बाजार की हर दिन की भीड़ है जो खुद माहौल बयां कर रही है। यही कारण है, अब पुलिस भी समझ चुकी है कि इस क्षेत्र के अनुशासनहीन लोगों पर समझाने व सख्ती का कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। तभी तो कुछ दिनों से उसे अपने हाल पर छोड़ रखा है।
लॉक डाउन के दौरान जिन दुकानों को नहीं खुलनी चाहिए थी वह भी चोर गली से अपना व्यापार चालू किए हुए हैं। हालांकि, एक दर्जन दुकानदारों पर पुलिस एफआईआर दर्ज भी कर चुकी है। बावजूद, प्रतिबंधित दुकानें सोशल डिस्टेंसिंग व प्रशासन के आदेश का ख्याल रखे वगैर आज भी खुल रही है। जो हर दृष्टिकोण से मजाक है। इसका मतलब यह हुआ, इन्हें सरकारी आदेश से कुछ भी लेना देना नहीं है।
सीएचसी के प्रभारी डॉ.फूल कुमार मिश्र का कहना है कि बीमारी किसी जाति,धर्म व वर्ग को चिन्हित कर नहीं आता, बल्कि यह एक ऐसा वायरस है जो मनुष्य की खांसी, छींक से निकलने वाले पानी की बूंदों से संक्रमित होते हैं। इस लिए लोगों को लॉकडाउन, सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए अतिआवश्यक कार्य होने पर चेहरे पर मास्क लगा कर ही घर से बाहर निकलने का बार-बार निर्देश दिया जा रहा है।
इस विपदा की घड़ी में देशज टाइम्स की ओर से अपने अधिकांश खबर में लोगों को लॉक डाउन व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने से संबंधित संदेश दिया जाता रहा है। आज भी हम देशज टाइम्स की यही अपील है, अपना बहुत ख्याल रखिए।
देशज टाइम्स तस्वीर कैप्शन: लॉकडाउन में भी जाम की समस्या से जुझता बिरौल का सुपौल बाजार।