पटना। कोरोना का टीका लगवाने के लिए पटना आईजीआईएमएस में सोमवार को जदयू के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह और रालोसपा प्रमुख उपेन्द्र कुशवाहा एक साथ पहुंचे। इस नजारे को देखकर राजनीतिक गलियारे में जहां चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया, वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टीका लगवाने के बाद दोनों नेताओं को फोन पर बधाई दी।
जदयू में रालोसपा के विलय की जो चर्चा चल रही है इस तरह वशिष्ठ नारायण के साथ जाकर टीका लेने और मुख्यमंत्री का बधाई देना कहीं न कहीं चर्चाओं को प्रुफ कर रहा है, जबकि इन अटकलों को लेकर रालोसपा प्रमुख ने अपनी सफाई भी दी है। उन्होंने कहा है कि एक साथ आने पर किसी प्रकार की सियासत नहीं हो रही है। उन्होंने जदयू के साथ जाने की चर्चा पर कहा कि हम अलग कब हुए थे कि अब साथ जाने की बात की जा रही है। जब वशिष्ठ नारायण सिंह से इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने साफ कर दिया कि उपेंद्र कुशवाहा नीतीश कुमार के पुराने सहयोगी रहे हैं, बहुत जल्द साथ आ जाएंगे। आगे उन्होंने कहा कि ये भी माना जाए की कुशवाहा जी हमारे साथ आ ग़ए।
नीतीश और उपेंद्र के साथ आने की बातों पर चर्चाएं ये भी हो रही है कि लव-कुश के समीकरण को साधने के लिए नीतीश और उपेंद्र साथ आएंगे। कुशवाहा ने वशिष्ठ नारायण सिंह के साथ नीतीश कुमार से मुलाक़ात की थी, अब सिर्फ औपचारिक घोषणा होनी बाकी रह गयी है। हलांकि इस तरह लोकसभा और विधानसभा चुनाव के हो जाने के बाद साथ आने के पीछे कहीं न कहीं अलग तरह की राजनीति से इंकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि बंगाल के कुछ दिनों बाद यूपी चुनाव भी करीब आ जाएगा। यूपी में वोटरों में लव-कुश की संख्या को दरकिनार करना बड़ी भूल होगी।