पटना. बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनने के बाद से विपक्ष लगातार हमलावर है। आरजेडी ने एक बार फिर सवाल किया है कि आपके नवरत्नों में अपराधी और भ्रष्टाचारी ही क्यों है और इनके मंत्रियों को भ्रष्टाचार बड़ी बात क्यों नहीं लगती है? आरजेडी के निशाने पर खास तौर पर पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ मेवालाल चौधरी रहे हैं।
इसके साथ ही विपक्ष उस रिपोर्ट पर भी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है, जिसमें 14 में से 6 मंत्रियों पर गंभीर आपराधिक केस की बात सामने आई है। विपक्ष के इन्हीं हमलों के बीच सोमवार से 17वीं विधानसभा सत्र का आगाज हो रहा है, ऐसे में सरकार भी कहीं न कहीं बैकफुट पर नजर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. मेवालाल चौधरी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में वाइस चांसलर ने राजभवन से राय मांगी है।
बताया जा रहा है कि तारापुर के विधायक और बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के पूर्व कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी के मामले में एसएसपी आशीष भारती ने अभियोजन स्वीकृति के लिए बीएयू के कुलपति को पत्र लिखा है। इसके बाद कुलपति डॉ एके सिंह ने राजभवन से निर्देश लेने के साथ ही कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने की तैयारी शुरू कर दी है. बीएयू में सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में हुए घोटाले में मेवालाल मुख्य आरोपी हैं।
गौरतलब है कि कोर्ट में आरोपपत्र समपिज़्त करने के लिए अभियोजन स्वीकृति आवश्यक है. इसी सिलसिले में एसएसपी ने डॉ मेवालाल और बीएयू के तत्कालीन सहायक निदेशक डॉ. एमके वाधवानी के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के आदेश की मांग की है।
माना जा रहा है कि बीएयू प्रशासन सोमवार को इस पत्र का जवाब देगा. कुलपति डॉ सिंह ने कहा कि मामले में कानून विशेषज्ञों से राय लेने व राजभवन से निर्देश के बाद ही वह कोई कदम उठाएंगे।
कानून के जानकार बताते हैं कि दरअसल अनुसंधान के दौरान पूर्व वीसी के विरुद्ध प्रथमदृष्टया अपराध साबित हो गया है. जाहिर है इस पत्र के जरिये इसके लिए अभियोजन स्वीकृति के लिए लिखा गया है. स्वीकृति मिलते ही भागलपुर पुलिस चार्जशीट दायर करेगी और इसके बाद मामले में ट्रायल चलेगा।
हालांकि इसमें एक पेच यह है कि कुलपति को कुलाधिपति से अभियोजन स्वीकृति का आदेश लेना होगा. कुलाधिपति के आदेश के बाद ही पुलिस चार्जशीट दायर कर सकेगी। इसके बाद निगरानी कोर्ट में ट्रायल चलेगा. मामले में हाईकोर्ट से दोनों अभियुक्त जमानत पर हैं. इसलिए अब कोर्ट में ही ट्रायल चलेगा।