अप्रैल,25,2024
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नहीं खुली जनप्रतिनिधि और सरकार की नींद तो ग्रामीणों ने चंदा कर बनाई नदी में सड़क

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बेगूसराय,देशज न्यूज । सरकार भले ही ग्रामीण क्षेत्रों तक विकास की रोशनी पहुंचाने का दावा कर लें। हर गांव को पक्की सड़क और पुल-पुलिया से जोड़ने का दावा कर ले। लेकिन सुदूर क्षेत्र के गांवों में आज भी सड़कों की व्यवस्था नहीं है, आज भी पिछड़े इलाके पिछड़े ही हैं। जिसके कारण मजबूर होकर लोगों को खुद ही सड़क की व्यवस्था करनी पड़ती है। छोटी नदियों पर पुल के अभाव में ग्रामीण आपस में चंदा कर सामूहिक श्रमदान से सड़़क और भंवरा पुल बना रहे हैं।
ऐसा ही एक कारनामा किया है बेगूसराय के सबसे पिछड़े इलाके बखरी विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने। जहां कि राटन पंचायत के बभाईन ब्रह्मदेव नगर स्थित चंद्रभागा नदी में पुल नहीं होने कारण दर्जनों गांव के लोगों को बखरी मुख्यालय जाने का रास्ता नहीं है। जब बारिश का महीना आता है तब और भी परेशानी बढ़ जाती है। यहां तक कि एक सरकारी नाव भी लोगों को मयस्सर नहीं हो पाता है। जिसके कारण अभिभावक अपने बच्चें को जान जोखिम में डालकर पढ़ने के लिए जलकुंभी का नाव पर भेजते हैं। नदी में पानी कम गया तो जनप्रतिनिधि और सरकारी उदासीनता से परेशान लोगों ने आपस में चंदा किया और जेसीबी एवं ट्रैक्टर से नदी में मिट्टी भरवा कर बीच में सीमेंट का भंवरा डालकर खुद से सड़़क बना लिया है।
ग्रामीण राजेश कुमार, रामविनय महतों, जय जय राम महतो, जठहु सदा, ज्ञानदेव सदा, राम सोगारथ यादव, रामचंद्र यादव, घोल्टन पासवान, कैलू महतो, बैजू महतो आदि ने बताया कि यह दो जिला को जोड़नेवाला मार्ग है। दलित इलाका चकचनरपत पंचायत और राटन पंचायत के गांव निशिहारा, चकचनरपत, सुग्गा, मुसहरी, बभाईन, ब्रह्मदेव नगर के 20 हजार से अधिक लोग इस होकर आते-जाते हैं। खगड़िया जिला के रानी सकरपुरा गांव के लोग भी इसी होकर बखरी बाजार जाते हैं। इस पुल के बनने से यहां के किसानों को तकदीर खुल जाएगी। यहां अधिकतर लोग सब्जी एवं नकदी फसल तैयार करते है।‌ लेकिन रास्ता के अभाव में बाजार पहुंचने में कठिनाई होती है, जिससे आमदनी नहीं बढ़ पा रही है।
2015 के विधानसभा चुनाव में चंद्रभागा नदी पर ‘पुल नहीं तो वोट नहीं’ का आह्वान कर मतदान का बहिष्कार करने वाले इस दलित बस्ती के ग्रामीणों की बहुप्रतीक्षित मांग पांच साल में भी नहीं पूरी हुई है। वोट का बहिष्कार किया था तो अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने शीघ्र पुल बनवाने का आश्वासन दिया था। चुनाव में आश्वासन के ढ़ेर पर जनता के वोट ग्रसने वाले नेताओं का क्षेत्र की समस्या को भुला देने का एक उदाहरण बन गया है। ग्रामीण निशिहारा और ब्रह्मदेव नगर के बीच चंद्रभागा नदी पर पुल बनने की मांग कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अत्यंत पिछड़ा, गरीबों, मजदूरों, दलितों का यह इलाका आज भी विकास से दूर है। यहां की आवाज अंग्रेजी शासन की तरह दबा दी जाती है। चंद्रभागा नदी पर पुल का निर्माण सिर्फ मुद्दा बनकर रह जाता है। जनसहयोग से भंवरा पुल बनाया गया था, जो नदी में विलीन हो गया, चचरी पुल भी टूटकर खत्म हो गया। जिसके बाद फिर अब रास्ता बनाया गया है। बाढ़ के समय जीना दुर्लभ हो जाता है, रतजगा कर समय बिताते हैं। जनप्रतिनिधियों को गरीब जनता की समस्या से कोई लेना देना नहीं है।
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