अप्रैल,25,2024
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मछुआरों की जाल में फंसकर मर रहीं डॉल्फिन, बूढ़ी गंडक में डॉल्फिन का आना शुभ संकेत नहीं

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मछुआरों की जाल में फंसकर मर रहीं डॉल्फिन, बूढ़ी गंडक में डॉल्फिन का आना शुभ संकेत नहींबूढ़ी गंडक के खोदाबंदपुर में जाल में फंसकर निकली डॉल्फिन

बेगूसराय, देशज न्यूज। डॉल्फिन एक ऐसा जलीय जीव है जो अपनी उपस्थिति से पानी की शुद्धता का पैमाना तय करता है। बिहार में बेगूसराय के पूर्वी हिस्से से लेकर भागलपुर तक की गंगा डॉल्फिन के लिए सुरक्षित क्षेत्र माना गया है।

सुल्तानगंज से कहलगांव तक की गंगा को डॉल्फिन अभयारण्य क्षेत्र घोषित किया गया है तथा यहां यह बड़ी संख्या में पाई जाती है। इसे बेगूसराय के इलाके में भी बड़ी संख्या में देखा जाता रहा है। हाल के वर्षों में गंगा का पानी दूषित तथा छोटी मछलियों की संख्या कम होने लगी तो डॉल्फिन के मरने की संख्या बढ़ गई और यह विलुप्त हो गयी। ।dolphin being trapped in fisherman’s net।

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इस बीच मार्च में जब लॉकडाउन हुआ और प्राकृतिक रूप से वातावरण स्वस्थ हुआ तो गंगा के पानी पर भी इसका असर पड़ा और गंगा में बड़ी संख्या में डॉल्फिन मिलने लगी। इससे पर्यावरणविदों में उत्साह का संचार हुआ और वे मानने लगे कि अब यहां की गंगा जल्दी मैली नहीं होगी। लेकिन इसी बीच बेगूसराय जिले की सीमा में बूढ़ी गंडक नदी में दो दिनों के अंदर तीन डॉल्फिन पकड़ी जा चुकी हैंं। तीनों मछुआरे के जाल में फंस गईं।।dolphin being trapped in fisherman’s net।

 

मछली पकड़ने के लिए लगाए गए प्लास्टिक के जाल में उलझ जाने से इनमें से दो की मौत हो गई जबकि एक को फिर से पानी में डाल दिया गया। दो दिनों में हुई दो डॉल्फिन की मौत से पर्यावरण हितैषी के भी होश उड़ने लगे कि डॉल्फिन बूढ़ी गंडक में कैसे पहुंच गईं। कुछ लोगों का कहना है कि बूढ़ी गंडक नदी के उत्तरी जलग्रहण क्षेत्र में भी डॉल्फिन पाई जाती रही हैं तथा वे बाढ़ के पानी में बहकर बेगूसराय के इलाके में आकर मछुआरे के जाल में फंस गयीं। ।dolphin being trapped in fisherman’s net।

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कुछ लोगों का कहना है कि खगड़िया के नजदीक गंगा और बूढ़ी गंडक नदी के संगम स्थल पर से कुछ डॉल्फिन रास्ता भटक कर गंडक में चली गईंं। गंगा के अथाह जल के बदले बूढ़ी गंडक में जाने पर मछुआरों के लगाए गए जाल में फंस गईंं।।dolphin being trapped in fisherman’s net।मछुआरों की जाल में फंसकर मर रहीं डॉल्फिन, बूढ़ी गंडक में डॉल्फिन का आना शुभ संकेत नहीं
बूढ़ी गंडक के खोदाबंदपुर में जाल में फंसकर निकली डॉल्फिन
पर्यावरण संरक्षण तथा नदी को लेकर लगातार रिसर्च कर रहे डॉ. विवेक कुमार ने बताया कि हम सब यह पता लगाने में जुटे हुए हैं कि बूढ़ी गंडक नदी में डॉल्फिन कहां से आयी है। गंगा के इस इलाके में रहने वाली डॉल्फिन अगर रास्ता भटक गई है तो यह अच्छा संकेत नहीं, इससे डॉल्फिन के जीवन को खतरा है। ।dolphin being trapped in fisherman’s net।

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