बेगूसराय,देशज न्यूज। लोग किसी भी व्यवस्था के लिए सरकार के भरोसे पर आश्रित रहते हैं जबकि विकल्प के सहारे किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है। ऐसा ही नजारा इन दिनों दिख रहा है गंगा नदी के सिमरिया घाट पर।
आजादी के बाद की पहली सरकार ने उत्तर और दक्षिण बिहार तथा पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को देश की राजधानी से जोड़ने के लिए सिमरिया में गंगा नदी पर रेल-सह-सड़क पुल का निर्माण करवाया था। लेकिन सन् 2000 के बाद पुल की हालत जर्जर होने लगी। अत्याधिक लोडेड वाहन गुजरने से पुल के सड़क मार्ग का गार्डर लगातार कमजोर होता चला गया। उसकी स्थिति खराब हो गई तो इस पर सभी प्रकार के बड़े वाहनों के परिचालन पर रोक लगा दी गई है। ।bihar news-ship made option to truck cross the ganges।
इस रोक के कारण बड़े वाहन गांधी सेतु, पटना दीघा पुल और विक्रमशिला पुल के रास्ते आने लगे। लेकिन इसमें अधिक दूरी तय करने के कारण बालू के दाम में अप्रत्याशित वृद्धि हो गई। इस समस्या को वर्तमान केंद्र सरकार ने गंभीरता से लिया और यहां नया सिक्स लेन पुल बनाया जा रहा है। ।bihar news-ship made option to truck cross the ganges।
इस दौरान बालू लदे ट्रक की आवाजाही पर रोक लगने से एक ओर जहां बालू की कीमत में अप्रत्याशित वृद्धि हो गई, वहीं वाहन मालिकों की परेशानी भी काफी बढ़ गई। इसे गंभीरता से लिया कोलकाता की कंपनी ने और सिमरिया में स्थानीय लोगों के सहयोग से जहाज का परिचालन शुरू कराया गया।
अब जहाज के सहारे प्रत्येक दिन बालू समेत अन्य सामान लदे और खाली चार सौ से अधिक ट्रक पार कराये जा रहे हैंं। इसके लिए दो अलग-अलग कंपनियों ने हाथिदह एवं सिमरिया में दो-दो प्लेटफार्म बनाए हैंं। अभी दिन भर में दोनों प्लेटफार्म से जहाज दस-दस चक्कर लगाते हैंं जिससे वाहन मालिकों को जहां फायदा हो रहा है।
वहीं, स्थानीय लोग आत्मनिर्भर हो रहे हैं। लोड ट्रक से 24 सौ तथा खाली ट्रक से आठ सौ रुपया लेकर जहाज के सहारे नदी पार कराने का भाड़ा लिया जाता है। ।biharnews-ship made option to truck cross the ganges।