बक्सर। आजाद भारत की पहली महिला कैदी को दी जाने वाली फ़ासी के लिए बक्सर केन्द्रीय कारा में तैयार है ।मलीने के सूत से बने फ़ासी का फंदा।केन्द्रीय कारा के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उक्त फंदे azad ready for indias first female prisoner को केन्द्रीय सरकार से आदेश मिलने के बाद तैयार किया गया है ।जिसे अब मथुरा और आगरा के जेलों को भेजा जाना शेष है। फ़ासी की तिथि का एलान होते ही कड़ी निगरानी में इसे भेजा जाना है।
उत्तर प्रदेश के मथुरा जेल में बंद अपने परिजनों की हत्या के आरोप सिद्ध महिला कैदी शबनम औए आगरा की जेल में बंद सह-अभियुक्त उसका प्रेमी सलीम को सात लोगो के सामूहिक हत्या को लेकर देश के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फ़ासी की सजा सुनाई गई थी ,जो राष्ट्रपति के सन्मुख दया याचिका के लिए विचाराधीन थी। राष्ट्रपति के द्वारा दया याचिका खारिज किये जाने के बाद इन हत्या अभियुक्तों को फ़ासी दिया जाना तय है।मथुरा और आगरा की जेलों में फ़ासी देने की तैयारिया पूरी कर ली गई है।जल्लाद पवन द्वारा भी अपने स्तर से फ़ासी कक्ष का मुआयना भी किया जा चुका है।
बक्सर केन्द्रीय करा में तैयार फ़ासी के फंदे को लेकर सिद्ध हस्त azad ready for indias first female prisoner कारीगरों का कहना है कि हाल के वर्षो में निर्भया काण्ड के अभियुक्तों के लिए फ़ासी का फंदा बनाया गया था।अब शबनम और सलीम के लिए फंदा तैयार है।आजाद भारत के इतिहास में बक्सर केन्द्रीय कारा को ही यह हक दिया गया है कि देश के किसी भी न्यायालय द्वारा अगर किसी भी कैदी को फ़ासी की सजा दी जाती है और किसी भी जेलों में उसे azad ready for indias first female prisoner फ़ासी होती है तो फ़ासी का फंदा बक्सर केन्द्रीय कारा ही तैयार करेगा।
उल्लेखनीय है कि बक्सर केन्द्रीय कारा में तैयार होने वाले इन फ़ासी के फंदे का एक अलग ही दासता है।1861 में गंगा और ठोरा नदियों के संगम पर गुलामी के दौर में बनाये गये इस जेल को मूलतः 1857 के विद्रोहियों के लिए बनाया गया था ।1947 में देश आजाद होने के बाद बक्सर जेल को तब एक अलग ही पहचान मिली जब तत्कालीन बंदी दो भाइयों सुखदेव और हरी देव द्वारा मनिला (फ्रांस ) से आयातित कपास से फ़ासी का फंदा बनाया गया।
फंदे की विशेषता यह होती है कि यह इतना मुलायम और शख्त होता है कि अभियुक्तों को फ़ासी के तख़्त पर झूलने के बावजूद गले पर निशान नही पड़ता।साथ ही कई किवदंतियों का पालन करते हए आज azad ready for indias first female prisoner भी यहा के सिद्धहस्त कारीगर फ़ासी का फंदा तैयार कर रहे है ।इस कार्य के लिए बक्सर केन्द्रीय कारा परिसर में विशेष कोठरी और जगह बनाये गये है।