पटना,देशज न्यूज। बिहार पुलिस का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। दरअसल बिहार पुलिस मुख्यालय से पटना जिला बल के 296 सिपाहियों के तबादला की लिस्ट को जारी किया गया है लेकिन सिपाहियों के तबादले की लिस्ट में करीब 20 पुलिसकर्मी ऐसे भी शामिल हैं जिन्होंने 9 साल पहले ही नौकरी छोड़ दी है।
उन नौकरी छोड़ने वाले सिपाहियों का भी इस सूची में ट्रांसफर कर नया खेल कर दिया है विभाग के लापरवाह ऑफिसरों ने। इतना ही नहीं इसमें एक बात और खुलकर सामने आ रही है कि तबादलों की लिस्ट जो जारी की गई है इसमें बड़े धांधली का भी आरोप लगाया जा रहा है। तबादले की सूची में 10 साल से अधिक समय से जमे सिपाहियों के नाम ट्रांसफर की सूची में नहीं हैं, जबकि ऐसे जवानों का तबादला हो गया है जो 5 साल से पुलिस लाइन में रह रहे थे। इस तबादले को लेकर बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने विभाग को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है।
एसोसिएशन की पटना शाखा के अध्यक्ष संदीप कुमार ने एसएसपी से पुलिस लाइन में बढ़ती जा रही अनियमितता की जांच करने की मांग की है। आपको याद दिला दूं कि पटना पुलिस लाइन में बवाल के बाद करीब 100 जवानों को बर्खास्त कर दिया गया था। उस वक्त भी यही आरोप लगा था कि तबादले के लिए वहां पर सेटिंग का लंबा चौड़ा खेल चलता है।
इस तबादलों की लिस्ट में ज्यादातर ट्रैफिक पुलिस के जवान शामिल हैं। खबरें ये भी आ रही है कि दूसरे जिले से जवानों को मंगाकर उन्हें ट्रैफिक की ट्रेनिंग दी गई। वे जवान प्रतिनियुक्ति पर आए थे जिसके कारण उन्हें यात्रा भत्ता अधिक मिल रहा है। वहीं विभाग ने उन जवानों को उनके जिले में वापस करने की बजाय पटना से 296 सिपाहियों को भेज दिया।
इस पूरे मसले पर बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन ने साफ कर दिया है अगर बड़े अधिकारियों की तरफ से मामले की जांच नहीं हुई तो मजबूरन उन्हें हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा। अब आगे-आगे देखिए इस पूरे मामले होता है क्या ?
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