पटना। कोरोना की दूसरी लहर से बिहार विधानसभा और विधान परिषद भी अछूता नहीं है। विधानसभा सचिवालय में मंगलवार को 11 अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमित पाए गए। वहीं, परिषद में 18 लोग पॉजिटिव मिले हैं।
बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के आदेश पर मंगलवार को सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच कराई गई। 87 लोगों की जांच में 11 कोरोना संक्रमित पाये गए। इसके बाद कार्यालय में अधिकारी-कर्मियों की संख्या को गृह विभाग के आदेश के मुताबिक नियंत्रित करने का आदेश सभाध्यक्ष ने दिया है। 30 अप्रैल तक सभा सचिवालय के अवर सचिव एवं समकक्ष और उससे ऊपर स्तर के पदाधिकारी शत-प्रतिशत कार्यालय आयेंगे, जबकि इनके अधीनस्थ कर्मियों को प्रतिदिन बारी-बारी से 33 प्रतिशत उपस्थित होने संबंधी आदेश भी निर्गत किया गया है।
विधान परिषद के एक और कर्मी की कोरोना से मौत
बिहार विधान परिषद के एक और कर्मी की सोमवार को कोरोना से मौत हो गई थी। इसके बाद परिषद कार्यालय को 18 अप्रैल तक बंद कर दिया गया। परिषद के जनसंपर्क अधिकारी अजीत रंजन ने बताया कि मंगलवार को कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह ने सहायक विजेंद्र कुमार शर्मा की मृत्यु पर शोक सभा हुई। शोक व्यक्त करने के पश्चात सभापति ने बिहार विधान परिषद् को 18 अप्रैल तक के लिए बंद कर दिया है। सभापति ने सभी कार्यालय कर्मियों के लिए कोरोना जांच की व्यवस्था कार्यालय में की गई थी। अब तक 18 कर्मी कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
बिहार में बढ़ी संक्रमण की दर, रिकवरी रेट भी कम
राज्य में पिछले पांच दिनों में कोरोना संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर में तीन प्रतिशत की गिरावट आयी है, जबकि संक्रमण दर में दो प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। संक्रमण दर पिछले वर्ष अप्रैल 2020 की तुलना में भी अधिक है। राज्य में 7 अप्रैल को 85,050 सैंपल की जांच की गई। इनमें 1527 नए संक्रमित मिले थे। राज्य में इस दिन संक्रमण की दर 1.79 प्रतिशत रही। वहीं, संक्रमितों के स्वस्थ होने की दर 97.24 प्रतिशत थी। इनमें पांचवें दिन 11 अप्रैल को काफी अंतर आ गया। उस दिन राज्य में 99023 सैंपल की जांच की गई, जबकि 3756 संक्रमित मिले। संक्रमण दर बढ़कर 3.79 प्रतिशत हो गयी। वहीं, स्वस्थ होने की दर कम होकर 94.24 प्रतिशत हो गयी।